इस लेख “Very Short Motivational Story In Hindi “में आप ऐसी जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी पढ़ने वाले है जिससे आपकी दृष्टिकोण में बदलाव आना तो तय है ।
विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी (Motivational Story In Hindi for students )
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💕💕आज हम एक ऐसी लड़की के बारे में बात कर रहे हैं जिसे ना दिन देखा ना रात सिर्फ अपने लक्ष्य की ओर कार्य किया वह और कोई नहीं प्राची निगम है जिसकी चर्चा आपने सुनी ही होगी।
दसवीं कक्षा में टॉपर बनी प्राचीन निगम ने इतिहास रचा और लोगों के सामने यह उदाहरण पेश कर दिया कि चाहे तो हर कार्य मुमकिन है। प्राची निगम ने 600 में से 591 अंक पाकर एक मिसाल खड़ी कर दी।
टॉपर बनना आम बात नहीं होती और अगर बात की जाएं यूपी बोर्ड की तो इसमें टॉपर का स्थान प्राप्त करना बेहद मुश्किल होता है। एक इंटरव्यू के दौरान प्राची निगम ने खुद बताया कि वहां 7- 8 घंटे पढ़ाई करती थी और ध्यान भटकने वाली चीजों से अपने आप को दूर रखती थी।
💕कहते हैं दोस्तों ! मेहनत इतनी शांति से करो कि आपकी सफलता शोर मचा दे ऐसा ही कुछ किया प्राची निगम ने और उनकी सफलता का शोर बाहर मीडिया वाले कर रहे हैं और आसपास के लोग सलाम कर रहे हैं।
प्राची निगम को स्कूल की तरफ से सम्मानित किया गया। प्राची निगम का अगला टारगेट है कि वह IIT-JEE Admission लेकर इंजीनियर की पढ़ाई करें और आगे बढ़े।
शुभम वर्मा जो प्राची निगम के साथ स्कूल में पढ़ा है जिस स्कूल में प्राचीन निगम है वह भी यूपी बोर्ड में टॉपर रहा है। प्राची, शुभम और अन्य टॉपर्स को स्कूल वालों ने सम्मानित किया।
हम सब जानते हैं आजकल का समाज टैलेंट से ज्यादा खूबसूरती की ओर ज्यादा ध्यान देता है पता नहीं ऐसा क्यों होता है ?जब कोई इंसान जिसकी काबिलत उसको Respect दिला सकती है तो कुछ नासमझ लोग उसकी चेहरे को देखकर मजाक बनाना शुरू कर देते हैं।
प्राची निगम की चर्चा जब मीडिया पर होने लगी सराहना करने की बजाय लोग उनके चेहरे का मजाक बनाना शुरू कर दिया । प्राची निगम को इतना troll किया कि वह तंग हो रही थी लेकिन एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि मुझे ऐसे लोगों की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता जो काबिलत से ज्यादा एक इंसान की look की ओर ज्यादा ध्यान देते हैं और रही बात मेरे चेहरे में आएं हुए बालों की इसे मैं जब चाहे ठीक करवा सकती हूं।
यूपी बोर्ड टॉपर बनने के बाद प्राची निगम ने कहा कि मैं “महिला आरक्षण विधेयक “की सराहना करती हूं ,सामाजिक कल्याण संगठनों में योगदान देना प्राची निगम चाहती है ।
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सफलता का मंत्र (इंटरेस्टिंग स्टोरी इन हिंदी )
बहुत से लोग हैं जो सफलता का मंत्र जानना चाहते हैं ।क्या आपने कभी सुक्रांत की कहानी पढ़ी ?नहीं कोई बात नहीं !
आज हम आपको बताते हैं सुक्रांत की कहानी जिसमें आप जानेंगे कि जब एक व्यक्ति ने सुक्रांत जी को पूछा की सफलता का मंत्र क्या है ?तो उन्होंने कहा कि अभी मैं व्यस्त हूं कल सुबह में नहाने के लिए नदी में जाऊंगा तो तुम वही आकर मुझे यह सवाल पूछना ।
जब वह व्यक्ति नदी के पास जाता है तब सुक्रांत नदी के गहराई में खड़े होकर स्नान कर रहे होते हैं । सुक्रांत जी ने इशारा किया उस व्यक्ति की ओर और कहा कि तुम नदी की भीतर आओ ।
जब वह व्यक्ति अंदर आता है तो सुक्रांत उसे सवाल पूछने को कहते है जैसे ही सुक्रांत ने सवाल सुना , उस व्यक्ति की गर्दन नदी की गहराई में थोड़ी देर के लिए डाल दी ,वह व्यक्ति घबराए और बाहर निकलने का पूरा प्रयास किया लेकिन सुक्रांत जी उससे स्ट्रांग थे इसलिए वह खुद को नहीं निकल पा रहा था फिर कुछ ही सेकंड्स में सुक्रांत ने उस व्यक्ति की गर्दन बाहर निकाली और कहा कि तुम्हें कैसे लग रहा था तुम बहार आने के लिए क्या कर रहे थे ?
उस व्यक्ति ने कहा कि मैं पूरी कोशिश कर रहा था कि मैं इस पानी से खुद को निकाल पाऊं और सांस ले पाऊं ।
सुक्रांत जी मुस्कुराए और कहा उम्मीद है कि तुम्हें अपने प्रश्न का जवाब मिल गया होगा जिस तरह तुम पानी से निकलने के लिए पूरा प्रयास कर रहे थे और चाहते थे कि मैं सांस ले पाऊं , इस तरह अगर आप जिस रास्ते में चल रहे हो वह पूरे ईमानदारी के साथ प्रयास करो तो कोई भी तुम्हें जीतने से नहीं रोक सकता ।
Moral of the story –
दोस्तों उम्मीद है कि इस कहानी के माध्यम से आपको समझ आ गया होगा की सफलता का रहस्य क्या होता है ?
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दिल को छू लेने वाली सच्ची कहानी :IPS Manoj Kumar Sharma Motivational Story in Hindi
ज़िद और जुनून के सामने किस्मत भी घुटने देखी है (खुद पर भरोसा रखो Motivational story )
अभिनव बिन्द्रा का नाम आपने सुना ही होगा जिन्होंने गोल्ड मेडल हासिल करके भारतवासीयों का सर गर्व से ऊंचा कर दिया था ।वर्ल्ड शूटिंग चैम्पियनशिप बिंद्रा ने अपनी जिद और जुनून के कारण ही ओलंपिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया ।इनकी टीममेट जिसका नाम है श्वेता चौधरी उन्होंने कहा कि बिंद्रा जी ने जो कहा था वह करके दिखाया ।
श्वेता ओलंपिक टीम में अपनी जगह नहीं बना पाई लेकिन बिंद्रा जी के लिए वह कहती है कि वह जिद और जुनून से जिस कार्य में लग जाते हैं उसे सफल करके ही मानते हैं ।
बिंद्रा अपनी ज़िद के सामने किसी की नहीं सुनते वह चार साल से ओलंपिक मेडल हासिल करने के लिए बेहद मेहनत कर रहे थे ।
दोस्तों ऐसा नहीं होता है कि जो व्यक्ति श्रेष्ठ बन गया है उसने कभी असफलताओं का सामना नहीं किया है ।अभिनव बिन्द्रा ने एथेन्स ओलम्पिक में जीत ना हासिल करने के बाद उनके व्यवहार में कभी बदलाव आया और इन्होंने निश्चय कर लिया था कि एक बड़ा मुकाम हासिल करने के लिए इन्हें दिन रात मेहनत करनी पड़ेगी ।और उनकी ज़िद का परिणाम हम सब जानते हैं दोस्तों जिद्दी होना गलत नहीं है अगर आपका लक्ष्य सही है तो अपने लक्ष्य को पाने के लिए जिद्दी बनो और दिन रात मेहनत करो ।
आपको इन कहानियों से कुछ प्रेरणा मिली हो तो उन लोगों के साथ इसलिए को शेयर करना बिल्कुल ना भूल जो जीवन में आगे बना चाहते हैं उम्मीद है कि आपके यहां कहानीमददगार लगी होगीऔर आपने कुछ सीखा होगा ।इस लेख “Very Short Motivational Story In Hindi ” को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि अन्य लोग भी इस लेख का फायदा ले सके ।🙏😊💞💞