हे दोस्तों आप सबका स्वागत है इस लेख में आप ” Short Motivational Story In Hindi “पढ़ने वाले हैं जिसकी सहायता से आप अपनी जिंदगी में खुशहाली लाएंगे ।
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गरीब परिवार में जन्म हुआ एक लड़की का , उसका नाम राधिका था ।
उसका रंग थोड़ा सावला था लेकिन बहुत ही सुंदर और सुशील वह लगा करती थी।
राधिका के जीवन में कोई चीज की कमी नहीं थी उसके घर में हर वह चीज उपलब्ध थी जो राधिका को सुविधा दे सकती थी।
कहते हैं ना दोस्तों कब बुरा वक्त सामने आ जाए कोई पता नहीं होता , ऐसा ही कुछ राधिका के साथ हुआ।
राधिका के पिता कारोबार को बढ़ाने के लिए बैंक में लोन लेने के लिए गए।
राधिका के पिता ने 3 लाख रुपए बैंक से निकलवाए और उन पैसों को उन्होंने अपने बैग में रखे थे ।
लेकिन बैंक से निकलने के बाद दो मोटरसाइकिल वालों ने राधिका के पिता के हाथ से बैग छीना और उन्हें धक्का दे दिया ।
कहते है ना दोस्तों समय का कुछ पता नहीं आज सुख है तो कल दुख
धक्का लगने के कारण राधिका के पिता की मौत हो गई और राधिका की किस्मत पलट गई ।
हंसता खेलता परिवार पल में बिखर गया,राधिका मात्र 17 वर्ष की थी जब उसने इन सब तकलीफों को झेला ।
दोस्तों यह से तो कहानी की शुरुआत होती है क्योंकि जब तक इंसान अपने कंफर्ट जोन में रहता है तब तक उसे ही पता ही नहीं चलता कि उसके अंदर क्या-क्या टैलेंट है और वह क्या कर सकती है ?
17 वर्ष की आयु में राधिका के पास कोई टैलेंट नहीं था जिसके जरिए वह पैसा कमा सके इसी बात का फायदा उसके चाचा ने उठाया और घर ,जमीने अपने नाम करवा ली ।
ऐसे में राधिका को इतना तो समझ आ गया कि पढ़ने कितना जरूरी है क्योंकि अगर वह पढ़ी-लिखी होती तो जमीन के पेपर उसे समझ आते और वह अपने घर को बचा सकती ।
इस सबक से उसे यह समझ आ गया कि जीवन में उसे अत्यंत पढ़ाई करनी है ताकि वह अपना नाम बन पाएं ।
परिस्थितियां दिन-ब-दिन खराब होती जा रही थी और ऐसे में राधिका की मां को डिप्रेशन हो गया ।
घर की जरूरत को पूरा करने के लिए राधिका ने लोगों के घर में काम करना शुरू कर दिया ।
लेकिन इतनी तकलीफ शायद कम थी तभी एक और हादसा राधिका की जिंदगी में हुआ वह था , राधिका की मां की मृत्यु
राधिका कुछ पल के लिए तो टूट कर बिखर गई थी क्योंकि अब उसके पास कोई ऐसा शख्स नहीं था जो उसे प्यार करें और उसका ख्याल रखें लेकिन उसने हिम्मत दिखाई क्योंकि जिसके घर में वह कार्य करने जाती थी वह की मालकिन ने राधिका से एक बात कही थी कि जीवन में अगर तुम्हें आगे बढ़ाना है तो पढ़ना और खुद पर विश्वास रखना कभी मत छोड़ना ।
राधिका को अपनी मालकिन की बात याद थी जैसे तैसे गुजारा करते हुए राधिका ने अपनी पढ़ाई पुरी की और पुलिस अफसर बन गई ।
दोस्तों संघर्ष का रास्ता मुश्किल भरा होता है जो टूट कर बिखर गया मतलब चकना चूर हो गया लेकिन जिसने टूट कर खुद को मजबूत बना लिया वह इस दुनिया में नाम कमा लिया ।
उसकी जिंदगी पहले से बेहतर हो गई क्योंकि वह एक अवसर बन गई थी ऐसे में उसकी मालकिन ने एक रिश्ते की बात की और राधिका को वह रिश्ता पसंद आ गया ,फिर राधिका ने शादी की और अपना घर बसा लिया ।
शादी को अभी एक ही महीना हुआ था तब राधिका के पति का प्रमोशन हो गया और वे दोनों खुशी-खुशी अपना दंपति जीवन जीने लगे ।
दोस्तों आपको इस कहानी से क्या समझ आता है ?इस कहानी से दो शिक्षा ले सकते हैं ,पहली शिक्षा तो यह है कि सुख के बाद दुख और दुख के बाद सुख आना तो तय ही है ।
क्या आप अपने आने वाले पल के लिए अपने आप को मजबूत बना रहे हैं ?अगर हां तो बहुत अच्छी बात ,अगर आपका उत्तर “ना ” है तो आज ही से प्रण ने अपने भविष्य को सुधारने का और खुद को पहले से बेहतर बनाने का ताकि आप भविष्य में खुश रह पाएं ।
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short motivational story in hindi for success :- आखिरी प्रयास
एक बार की बात है एक राजा को उपहार स्वरूप किसी विदेशी ने सुंदर पत्थर उपहार में दिया था ।
वह पत्थर इतना सुंदर था कि राजा को अत्यंत प्रिय लगा इसलिए राजा जी ने सोचा कि क्यों ना इस पत्थर से भगवान विष्णु की प्रतिमा बनाई जाएं ।
राजा के महामंत्री ने उनके सोचे हुए ख्याल की तारीफ की और कहा कि महाराज आप सही सोच रहे हैं ।
फिर क्या ! राजाजी ने आदेश दिया महामंत्री को और कहा कि तुम इस पत्थर को ले जाओ और भगवान विष्णु की प्रतिमा 7 दिन के अंदर तैयार करके मेरे सामने लेकर आओ ।
आदेश का पालन करते हुए महामंत्री ने राज्य के मशहूर मूर्तिकार को वह पत्थर दिया और कहा कि तुम भगवान विष्णु की प्रतिमा मुझे 7 दिन के भी अंदर बना कर दो , इसके बदले में मैं तुम्हें 50 मुद्राएं दूंगा ।
50 स्वर्ण मुद्राओं की बात सुनकर मूर्तिकार बहुत खुश होता है और अपने औजारों से कार्य को आरंभ करने लगा ।
वह पत्थर को तोड़ने का प्रयास करता है लेकिन 50 बार हथौड़े से मारने के बावजूद भी वह पत्थर तस से मस नहीं होता ।
फिर से एक बार प्रयास करने की मूर्तिकार सोच ही रहा होता है पर वह कहता है कि 50 बार हथौड़े मारने के बावजूद भी यह पत्थर नहीं टूटा तो और एक बार प्रयास करने से क्या होगा !
मूर्तिकार राज्य के महामंत्री से मिलते हुए कहता है कि यह पत्थर नहीं टूट सकता इसलिए मैं भगवान विष्णु की मूर्ति नहीं बन पाऊंगा ।
महामंत्री को राजा का आदेश किसी भी हाल में पूरा करना था इसलिए राज्य के साधारण व्यक्ति के पास वह पत्थर लेकर जाता है ।
उस व्यक्ति को कहता है कि इस पत्थर से मुझे भगवान विष्णु की मूर्ति चाहिए क्या तुम मुझे 7 दिन के अंदर एक सुंदर प्रतिमा बनाकर दे सकते हो ? इसके बदले में तुम्हें 50 स्वर्ण मुद्राएं मिलेगी ।
साधारण व्यक्ति बात सुनकर बहुत खुश हो जाता है क्योंकि वह साधारण मूर्तिकार होता है और जिसके पास कार्य कम हो उसके पास कार्य आ जाएं तो वह क्यों ना करेगा ?
साधारण व्यक्ति समस्याओं से घबराकर नही बल्कि चुनौतियों को अपनाकर चलना जानता था ।
उस मूर्तिकार ने हथौड़े से जोरदार वार उस पत्थर पर किया और वहां पत्थर एक ही बार में टूट गया ।फिर क्या दोस्तों महामंत्री अपने मन में कहता है काश ! ये हुनर हर इंसान के अंदर होता
दोस्तों महामंत्री यह उस हुनर की बात कर रहे हैं जो साधारण व्यक्ति में महामंत्री ने देखा ।
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उस साधारण मूर्तिकार ने भगवान विष्णु की प्रतिमा तैयार की और बदले में 50 स्वर्ण मुद्राएं ली ।
इस कहानी से हमें यहां शिक्षा मिलती है कि जरूरी नहीं है जो कार्य 50 बार आपको असफलता दिलाएं वह 51 बार भी आपको असफल ही रखेगा ।
कार्य करते-करते ही इंसान निपुण बनता है जो हालातो से घबरा गया वह क्या कार्य करेगा और क्या अपनी औकात बनाएगा !
डर के नहीं ,डटकर सामना करना सीखें और जीवन में आगे बढ़ते रहें ।
Best motivational story in Hindi – हार के भी जीत गया
दोस्तों इस कहानी को पढ़ने के बाद आपके अंदर विश्वास बढ़ेगा अपनी मंजिल को पाने का और कुछ कर दिखाने का
क्या आप भी छोटी-छोटी दिक्कतों के सामने अपने घुटने टेक देते है?
अगर ‘ हां ‘ यह लेख “short motivational story in hindi ” सिर्फ आपके लिए है ,एक समय की बात है राहुल नाम का लड़का था । उसे दौड़ना बहुत पसंद था वह चाहता था की मैराथन में उसका नाम विजेता के रूप में लिया जाएं ।
हर साल वह प्रयास करता लेकिन कभी भी मैराथन रेस को पूरा नहीं कर पता था । इस बार उसने अपने आप को एक वादा किया कि अगर वह भागते-भागते तक जाएगा तो रुकेगा नहीं बल्कि चलने लगेगा ।
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और कहीं चलते-चलते भी थक गया तो भी वह रुकेगा नहीं ,
फिर क्या दोस्तों ! मैराथन की रेस शुरू हुई ,राहुल ने अपनी पूरी क्षमता को इस्तेमाल करते हुए दौड़ा , कुछ ही मिनटों में उसकी सांसे फूल गई जिसके कारण उसे दौड़ने में काफी तकलीफ हो रही थी ।
राहुल ने इस बार निश्चय किया था कि अगर वह भागते-भागते तक जाएगा तो भी वह रुकेगा नहीं ,इसलिए उसने चलना शुरू कर दिया ।
माना कि उसने मैराथन की रेस दौड़कर जीती तो नहीं ,लेकिन इस बार राहुल ने मैराथन की पहली बार race को पूरा किया ।
राहुल के मन में खुशी थी क्योंकि उसने कम से कम मैराथन की रेस को पूरा तो किया ।
फिर मन में विश्वास बढ़ गया कि जब वह चलकर मैराथन की रेस को पूरा कर सकता है तो वह दिन भी दूर नहीं है जब वह दौड़कर विजेता घोषित किया जाएगा ।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर आप अपने लक्ष्य की ओर दौड़ नहीं सकते हो तो कम से कम चलना तो सीखो ।
आज नहीं तो कल आप अपने लक्ष्य को प्राप्त भी कर लगे लेकिन जो इंसान चलना तक भी छोड़ देगा वह कैसे अपनी मंजिल प्राप्त कर सकता है ?
हार के बाद भी राहुल जीत गया क्योंकि उसने जो प्रण लिया था उसको पूरा किया और वह आगे बढ़ता रहा ।
जीवन में कई बार दोस्तों हम प्रयास ही नहीं करते की कुछ कदम अपने लक्ष्य की ओर बढ़ाए जाएं और सोचते हैं कि हमारी तो किस्मत ही खराब है जो हमें कुछ हासिल ही नहीं होता ।
किस्मत का रोना वह रोते हैं जो कभी मेहनत नहीं करते ,और जो मेहनत करते हैं वह किस्मत पर निर्भर नहीं रहते ।
उम्मीद है दोस्तों आपको यह लेख “Short Motivational Story In Hindi ” की जानकारी पसंद आई होगी और आप भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए तैयार हो गए होंगे ।छोटी सी मेहरबानी करें इस लेख को उन लोगों के साथ शेयर करें जो जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं और अपना नाम बनाना चाहते हैं,अपना कीमती समय देने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया😊🙏💕💕💕