इस लेख का title है “The Power of Faith Book Summary in Hindi “एक परिवर्तनकारी किताब जिसमें आस्था के power के बारे में बताया गया है इस किताब के लेखक है “Sirshree ”
Faith और spirituality के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख “The Power of Faith Book Summary in Hindi “में बताई गई सभी बातों को ध्यानपूर्वक पढ़ें ।
आस्था , इंसान किस पर करता है ?ज्यादातर यह सब बातें अविश्वसनीय होती है फिर भी इंसान आस्था के नाम पर बड़े-बड़े कार्य करता है ।
परिचय (The Power of Faith )
आस्था शक्ति इतनी बड़ी शक्ति है जिसके जरिए इंसान बड़े कदम भी उठा लेता है और खुद पर भरोसा रखते हुए आगे बढ़ते जाता है ।
इस लेख ” The Power of Faith Book Summary in Hindi ” में आपको यह समझने को मिलेगा कि आप अपने आस्था शक्ति को कैसे बढ़ा सकते हैं ?
इस किताब का टाइटल ” The power of Faith ” भी इतना अच्छा है कि इसमें लिखी हुई बातें पढ़ने में आपको उत्सुकता मिलेगी ।
इसलिए जानते हैं आध्यात्मिक गुरु Sirshree ने इस किताब में हमें क्या समझने का प्रयास किया है ?
इस लेख को पढ़ने के बाद आपको इस किताब की महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में पता लग जाएगा फिर भी आप खुद से इसे पढ़ना चाहे तो हिंदी में इस किताब का नाम है “विश्वास नियम ”
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एक कहानी के माध्यम से आपको आस्था के ऊपर अत्यंत विश्वास आने लग जाएगा ।
चलिए जानते हैं ऐसी कौन सी कहानी है जिसके जरिए आपकी आस्था 100 गुना बढ़ सकती है ?
एक व्यक्ति था जिसे घूमना फिरना बेहद पसंद था । एक बार उसने मन बनाया रेगिस्तान जाने का ,वह रेगिस्तान पहुंचा
जैसे ही उसका मन भर गया उसने पाया कि उसका खाना-पीना भी खत्म हो गया है तो उसने रेगिस्तान से बाहर जाने का विचार बनाया लेकिन वह रेगिस्तान के इतने अंदर तक पहुंच गया था कि उसे रास्ता बाहर आने का पता ही नहीं चल रहा था ।
कई बार उसने यहां पढ़ा था कि रेगिस्तान में लोग बाहर नहीं निकाल पाते क्योंकि उन्हें रास्ता ही नहीं समझ आता , उसके अंदर भय उत्पन्न होने लगा ।
उसने हिम्मत दिखाई और रास्ता ढूंढना शुरू किया ।
फिर क्या दोस्तों ! चलते-चलते उसे एक हैंडपंप नजर आया । वह खुशी से झूम उठा क्योंकि उसे पानी की बहुत प्यास लगी थी ।
वह हैंडपंप से पानी नहीं निकल पा रहा था ,हैंडपंप के बाजू में एक बोतल रखी थी और उस बोतल में थोड़ा सा ही पानी था बोतल के ऊपर लिखा था कि यह पानी अगर आप हैंडपंप में डालोगे तो हैंडपंप से बेहद पानी आने लग जाएगा ।
जैसे हर परिस्थिति का परिणाम दो निकाल सकते हैं वैसे ही वह व्यक्ति सोचने लगा 🤔 अगर हैंडपंप में मैं पानी डाल दिया और पानी न निकले तो यहां पानी भी मुझे नसीब नहीं होगा और मैं प्यासा ही मर जाऊंगा ।
लेकिन दूसरी ओर उसके मन में यहां विचार भी आया कि अगर मैं बोतल का पानी इसमें डाल दूं और पानी आने लग जाएं तो मेरी प्यास भी बुझ जाएगी और आने वाले यात्रियों के लिए भी कुछ पानी मिल जाएगा ।
सिर्फ मैं अपने बारे में नहीं सोच सकता क्योंकि मुझे दूसरों के बारे में भी सोचना है तो मुझे इस बोतल का पानी हैंडपंप में डाल देना चाहिए ताकि आने वाले यात्रियों को भी पानी मिल जाएं और उनकी प्यास भी बुझ जाएं ।
दूसरों का ख्याल करते हुए उसने अपने आस्था पर विश्वास दिखाई और वह बोतल का पानी हैंडपंप में डाल दिया ।
दोस्तों हैंडपंप में पानी डालने के बाद हैंड पंप से पानी निकलना शुरू हो गया जिसके कारण उस व्यक्ति ने तो खूब पानी पिया और आने वाले समय के लिए पानी रख भी लिया और बोतल में पानी भर कर उसे पर लिख भी दिया कि आप इस बोतल का पानी हैंडपंप में डालें और अपने आस्था पर यकीन रखें , हैंडपंप से पानी जरूर आएगा ।
जरूरी नहीं है दोस्तों कोई सामने वाला व्यक्ति आपको कभी कोई कार्य करने के लिए विश्वास दिलाएगा तभी आपके अंदर विश्वास उत्पन्न हो।
विश्वास एक ऐसी चीज है जो हर इंसान के अंदर मौजूद होती है पर उसे जगाना बेहद आवश्यक है क्योंकि जब आप ही अपने ऊपर विश्वास न करेंगे तो कोई कार्य कैसे संभव हो सकता है।
इस कहानी में इंसान ने दूसरों के बारे में भी सोचा और अपने ऊपर विश्वास किया ।विश्वास का नतीजा यह है कि उसने अपनी प्यास बुझाई और आने वाले यात्रियों के लिए भी बोतल में संदेश लिख दिया कि आप इस बोतल का पानी हैंडपंप में डालें और जितना चाहे उतना पानी पी लें।
Awaken The Power Of Faith by Sirshree
जैसे की अभी आपने कहानी के माध्यम से समझा कि विश्वास के कारण इंसान बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकता है ।
यह बात 100% सही है कि विश्वास के कारण इंसान बड़ी से बड़ी चुनौतियां का सामना आसानी से कर लेता है पर आपको एक बात समझनी होगी कि कहीं आपका विश्वास भ्रामक वास्तविकता पर तो नहीं टिका है ।
कई बार हमारा विश्वास भ्रामक वास्तविकता से जुड़ा होता है जिसके कारण हम गलत निर्णय लेते हैं और गलत कार्य करना शुरू कर देते हैं क्योंकि हमें लगता है जो हम कर रहे हैं वह ही सही है ।
भ्रामक वास्तविकता में इंसान जो देखना चाहता है वही देखा है और सच्चाई से अपने आप को दूर रखता है ।
लेखक का कहना है कई बार इंसान अपने आप को भ्रामिक वास्तविकता में ही रखा रहता है और जिसकी वजह से उसकी जीवन में खुशियां ही नहीं नजर आती ।
सच्चाई से अपने आप को दूर रखने का मतलब यहां है कि हम अनजाने में ही अपने आप को गलत दिशा में लेकर जाते जा रहे हैं क्योंकि हमारे दिमाग वही देख रहा है जो वह देखना चाहता है ।
लेखक कहना है हम सब जानते हैं कि पैसा हमारे जीवन के लिए कितना जरूरी है ।अगर हम इस बात की को सच मान ले तो यहां समय के साथ हमारे विश्वास को बढ़ाएगा जिसके कारण हम वह कार्य करेंगे जो हमें करने चाहिए ।
मान ले की कोई इंसान सोचता है कि पैसा बुरी चीज है तो वह पैसे को अट्रैक्ट करने की जगह पैसे को अपने आप से दूर करते जाएगा जिसके कारण उसका स्वास्थ्य ,संबंध और उज्जवल भविष्य सब पर बुरा असर पड़ेगा ।
सही समय में सच्चाई को समझने से इंसान के अंदर सही आस्था उत्पन्न होती है जिसके कारण वह भविष्य में अपना जीवन उज्ज्वल बना सकता है ।
यकीन मानिए दोस्तों आस्था अगर सही बनाते हैं तो आपका जीवन में बड़ा बदलाव आना तो तय है ।
आप अमीर बनने की कल्पना कर रहे हैं और मेहनत करते जा रहे हैं ,आपकी आस्था बन गई है कि मैं जल्द ही अमीर बनने वाला हूं तो यहां आस्था आपको प्रगति की ओर लेकर जाएगी ।
विश्वास और भ्रामिक वास्तविकताका सही उपयोग हो तो इसका परिणाम भी सही ही मिलता है ।
वहीं अगर आप गलत विश्वास अपने अंदर उत्पन्न कर लेते हैं तो वह आपका जीवन नष्ट कर देगा जैसे कि पैसा बुरे कार्य करके ही कमाया जा सकता है ।
ऐसे में आप बुरा कार्य करना शुरू कर देंगे और सोचेंगे कि अच्छा कार्य करने से कौन पैसा कमा रहा है ?
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subconscious mind
subconscious mind में हम खुद की जो तस्वीर बना लेते हैं वही देखने लग जाते हैंअगर आप अपने अवचेतन मन में कहते हैं कि मैं इंसान हूं जो जीवन में आगे बढ़ते जा रहा है तो आप सच में आगे बढ़ते जाएंगे ।
वहीं दूसरी ओर अगर आप गलत धारणा अपने सबकॉन्शियस माइंड में लेकर आ रहे हैं तो जीवन में सफल होना तो दूर की बात है आप कभी कामयाब नहीं बन सकते ।
अभी हमने समझा कि विश्वास का कितना बड़ा किरदार होता है हमारे जीवन में ,लेखक कहते हैं कि अगर मुझसे कोई पूछे की सफल और असफल व्यक्ति में क्या फर्क होता है ?
तो मेरा जवाब बेहद आसान होगा कि जो व्यक्ति अपने ऊपर सही विश्वास रखता है वह जीवन में सफल बन जाता है और जो व्यक्ति अपने ऊपर गलत विश्वास रखता है वह कभी भी सफल नहीं बन पाता ।
दोस्तों अब मन में ख्याल आ रहा होगा कि सही विश्वास कैसे उत्पन्न किया जा सकता है ?
लेखक इस समस्या का भी समाधान हमें बता रहे हैं कि आप उन लोगों की संगति करें जिनकी तरह आप बनना चाहते हैं इसका मतलब यह है कि अगर आप उन लोगों के बारे में सुनेंगे ,समझेंगे कि वह अपनी जिंदगी में निर्णय कैसे लेते हैं तो आप उन्हें observe करके आप अपनी जिंदगी में भी वैसे ही निर्णय ले पाएंगे और जो मानसिकता उन लोगों के पास है वही मानसिकता आपकी बन जाएगी क्योंकि संगत से गुण आत है संगत से गुण जात हैं ।
जैसे की बचपन में एक मानसिकता बन जाती है कि जो मिडिल क्लास के बच्चे हैं वह कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते , वह कभी भी अमीर ही बन सकते ।
यह मानसिकता इतनी पक्की हो जाती है कि इंसान कभी हिम्मत ही नहीं करता है कुछ कार्य करने की ,जिससे वह अमीर बन सके ।
90 % लोग इसलिए आगे नहीं बढ़ पाएंगे क्योंकि वह अपनी मिडिल क्लास मानसिकता से बाहरी नहीं आना चाहते ।अगर मैं 10% लोगों की बात करूं तो वह भी लोग हैं जो अपनी मानसिकता को बदलकर कामयाबी हासिल कर लिए हैं उन्होंने अपने गलत विश्वास को बदला और समझा कि उनके लिए क्या सही है ?
लेखक बताते हैं अगर आपको जानना है कि आपका विश्वास सही है कि गलत तो आपको अपने आप से सवाल करने होंगे ।
सवाल ऐसे होने चाहिए जिससे आपको पता लगे कि आपका विश्वास सही है कि गलत ?क्या आपका विश्वास आपको खुशियां दे रहा है ?क्या आपका विश्वास आपको तरक्की की मार्ग पर लेकर जा रहा है ?
यदि ” हां ” तो आपका विश्वास 100% सही है पर इसका उत्तर अगर आपको “ना” मिले तो आपको विश्वास बदलने की आवश्यकता है ।
Break your limitation💕💕💕(The Power of Faith Book Summary in Hindi)
लेखक का कहना है कि पहले अपने पुराने विश्वास को समझे कि आप किन बातों पर विश्वास करते हैं ?उसके बाद अपने आप से प्रश्न पूछे कि यह विश्वास आपके लिए सही है या गलत ।
फिर आपको सही विश्वास को लेकर आगे बढ़ाना है और नई strategies बनानी है ताकि आप सफलता की ओर बढ़ पाए ।
इससे बहुत बड़ा बदलाव आपकी सोच में आएगा पूछिए कैसे ?
देखिए यदि आप अपने विचारों को समझते हुए अपने विश्वास उत्पन्न करेंगे तो जब भी आपके अंदर नकारत्मक विचार उत्पन्न होंगे आप तुरंत ही उसे अपने सकारात्मक विश्वास की बदौलत उस विचार को हटा देंगे ।
Jesus का कहना है कि इंसान अगर सोच ले कि उसे पहाड़ तोड़कर समुद्र में फेंकना है तो वह अपने विश्वास की बदौलत ही यह कार्य कर सकता है क्योंकि उसने आधे से ज्यादा शक खुद ही खत्म कर दिया है और उसने अपनी अंदर की potential को समझ लिया है ।
आस्था में इतनी शक्ति होती है कि इंसान इस शक्ति के बदौलत ही मजबूत बन जाता है ।
उदाहरण के माध्यम से समझाने का प्रयास करती हूं ,मान लेते हैं कि आपके पास पैसे हैं ।इसे आप दो तरीके से निवेश कर सकते हैं पहला तरीका यह है कि आप इसे एक ही जगह निवेश कर दें या फिर इसे दो जगह equal amount निवेश कर दें ।
ऐसे ही हमारा विश्वास होता है दोस्तों !आप चाहे तो अपना विश्वास एक जगह सकारात्मक की ओर ले जाएं या फिर अपना विश्वास को दो जगह सकारात्मक और नकारात्मक की ओर ले जाएं ।
सकारात्मक ऊर्जा की ओर अपना विश्वास बढ़ाएंगे तो आप जीवन में कामयाबी और खुशहाली पाएंगे ।
वहीं दूसरी ओर यदि आप अपनी उर्जा नकारात्मक की ओर लेकर जाएंगे तो अपने जीवन में दुख , कलेश और असफलता ही पाएंगे ।
अब आपको beleif function पढ़ने की आवश्यकता है ।
Believe – feeling
हम सब जानते हैं कि जैसा हम अपने बारे में विश्वास करते हैं वैसा ही महसूस करना शुरू कर देते हैं ।जब व्यक्ति सकारात्मक सोचता है तो सकारात्मकता ही महसूस करता है ,वही जब आप नकारात्मक सोचते हो तो नकारात्मकता ही महसूस करते हो ।
feeling – Action
अच्छा महसूस करने से इंसान अच्छे काम करने के लिए प्रेरित होता है वहीं दूसरी ओर जब इंसान नकारात्मक सोच महसूस करता है तो उसके कार्य भी नकारात्मक सोच को प्रभावित रहते हैं । फिर क्या ! आपकी भावना आपके कार्यों को प्रभावित करती है ।
Action – Result
सब जानते हैं कि कार्य जब व्यक्ति करता है तो परिणाम उसे मिलता है तो अब आपके कार्य ऊपर भी निर्भर करता है कि आप कैसा परिणाम हासिल करने वाले हैं ।
आप व्यायाम रोजाना कर रहे हैं तो इसका परिणाम आपको मिलेगा स्वस्थ शरीर और मजबूत मांसपेशियां । वही दूसरी ओर अगर आप गलत कार्य कर रहे हैं तो इसका परिणाम भी गलत ही मिलेगा ।
Result – faith
जो परिणाम अपने हासिल किया है उसी के बदौलत आपका विश्वास बढ़ाते जाएगा
सकारात्मक कार्य करने से आपको सकारात्मक ही परिणाम मिलेंगे ।
वहीं दूसरी ओर यदि आप कोई ऐसा कार्य शुरू कर देते हैं जिसका रिजल्ट आपको नकारात्मक मिलता है तो उस कार्य आपका भरोसा उठ जाता है ।
अब विश्वास का cycle को समझते हैं ,देखिए दोस्तों हर इंसान जीतने के प्रयास से ही कार्य करता है लेकिन ऐसा क्यों होता है कि कभी इंसान जीत जाता है तो कभी हार जाता है चलिए जानते हैं विश्वास का साइकिल ।
हमारा विश्वास दो तरह से विकसित होता है पहले है सकारात्मक आस्था साइकिल और दूसरा है नकारात्मक आस्था साइकिल
मान लेते हैं कि एक टीम है जिसमें टीम 1 और टीम 2 जीतने के लिए फुटबॉल गेम शुरू करते हैं दोनों की आस्था बुलंद है कि उन्हें जीतना है ।
जैसे-जैसे गेम चलता है तो टीम 1 के पॉइंट बढ़ते जाते हैं और टीम 2 के पॉइंट कम होते जाते हैं ।
विश्वास तो दोनों टीम के पास था लेकिन ऐसा क्या है जो टीम 2 के पास कम पड़ गया ।
दोस्तों !दोनों ही टीम जीतने का प्रयास कर रही थी लेकिन टीम 2 ने गेम के दौरान ही अपने आप को हारा हुआ महसूस कर लिया जिसकी वजह से उनका प्रदर्शन उत्सुकता भरा नहीं था ।
उनके बुरे प्रदर्शन के कारण उनकी असफलता पक्की हो गई जबकि टीम 1 शुरू से ही अपने अंदर के पक्के विश्वास के साथ खेल रही थी कि उन्हें गेम जीतना है ।
ऐसा नहीं है कि गेम के दौरान उन्हें असफलता नहीं मिली ,उन्हें भी असफलता मिली लेकिन उन्होंने Bounce back किया और आगे बढ़ते रहे ।
टीम 2 की हार इसलिए हुई क्योंकि उनकी आस्था सकारात्मक विचार से नकारात्मक विचार की ओर बढ़ गई और वही बात करूं टीम वन की तो शुरू से लेकर अंत तक उन्होंने अपने आस्था को सकारात्मक विचार के साथ ही जोड़ रखा तभी टीम वन ने मनचाहा परिणाम हासिल कर लिया ।
❤️❤️❤️ The Power Of Faith Book summary
कई बार बच्चों के दिमाग में ऐसे बीज जाने अनजाने में बुअ दिए जाते हैं जिसकी वजह से भी वह तरक्की नहीं कर पाता ।
जैसे कि कुछ बच्चों ने बचपन में यह बात सुनी है कि मिडिल क्लास वाले लोग कभी आगे नहीं बढ़ सकते , दो वक्त का खाना नसीब होना बड़ी बात है ।
जो लोग इन बातों को सुनकर बड़े हुए हैं वह अक्सर कोई भी कार्य करते हुए सकारात्मक विश्वास अपने ऊपर नहीं रख पाएंगे ,जिसकी कारण इंसान आगे नहीं बढ़ पाता ।
वहीं उन लोगों की बात करूं जो लोग यह सुनकर बड़े हुए हैं कि पैसा कमाना आसान कार्य होता है पैसा कमाने के लिए नए रास्ते खोजने और हिम्मत रखने की आवश्यकता है ।
वह बच्चे दिक्कतों का सामना करते हुए आगे बढ़ जाते हैं और अपना नाम इतिहास के पन्नों में रच देते हैं ।
माना की बचपन में जिन विचारों का बीज पेरेंट्स या हमारे आसपास के लोग हमारे अंदर बोते हैं वही बीज का असर हमें अपने जीवन में देखने को मिल जाता है ।
कहते हैं मन के हारे हार है ,मन के जीते जीत
कामयाब होना और एक खुशहाली भरा जीवन जीना किस नहीं पसंद होता यदि आप अपने विचार बदलकर जीवन में सब कुछ हासिल कर सकते हैं तो उन विचारों को बदलना ही बेहतर है ।
कुछ लोगों का यह भी कहना होता है कि आस्था में विश्वास होने के बावजूद भी उन्हें मनचाहा परिणाम हासिल नहीं होता ।
दोस्तों लेखक बताते हैं कि मनचाहा परिणाम हासिल करना चाहते हैं तो कार्य करते समय unconditional and unshakeable बने रहे ।
जरूरी नहीं है कि जिस कार्य में आप प्रवेश करें उस कार्य में जाते ही आपको सब सीनियर बना दे ।
इंसान को अस्वीकारता का सामना करना पड़ता है अगर आप अस्वीकारता को नहीं स्वीकार कर सकते तो जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे ।
Thoughts
एक दिन में इंसान के दिमाग में लाखों विचार उत्पन्न होते हैं ।क्या सभी विचारों को अहमियत देना जरूरी है “नहीं ना ” उसी तरह यदि आपका लक्ष्य है अपने व्यवसाय को आगे बढ़ने का तो जो विचार आपके व्यवसाय को आगे बढ़ा सकता है उन विचारों में ध्यान देना आवश्यक है ।
आपने इस लेख में इतना तो समझ ही लिया होगा कि विचार हकीकत में परिवर्तन हो सकते हैं यदि उसमें सही आस्था जोड़ी जाएं ।
हम सब जानते हैं कि इंसान जिस चीज पर ज्यादा ध्यान देता है उसे अपनी ओर आकर्षित कर पता है ।
अब आपके मन में विचार आ रहा होगा कि सकारात्मक विचार को कैसे उत्पन्न किया जाएं ?
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लेखक का कहना है कि हमारा अवचेतन मन उन बातों को हमारे दिमाग के साथ जोड़कर रखता है जो भावनाओं से जुड़ी होती है ।
यदि आप आस्था के बीज को मजबूत बनाना चाहते हैं तो उसको सकारात्मक भावना के साथ जोड़ दें ।
दोस्तों जो विचार हम अपने दिमाग में बार-बार लाते हैं उसे ही अपनी और आकर्षित कर पाते हैं यदि आप आस्था के साथ सकारात्मक भावना जोड़ देंगे तो आप सकारात्मक महसूस करना शुरू कर देंगे और यह बात ही आपको आपके लक्ष्य की ओर बढ़ाएगी ।
लेखक यहां उदाहरण के माध्यम से बताते हैं की मान लें बच्चों को फुटबॉल खेलना पसंद है लेकिन उसके पेरेंट्स उसे क्रिकेट खेलने के लिए force कर रहे हैं ।
कई बार जोर जबरदस्ती के बावजूद भी वह बच्चा फुटबॉल खेलना ही पसंद कर रहा है तो इसका मतलब स्पष्ट है जिस कार्य से इंसान को अच्छा महसूस होता है वह कार्य इंसान बिना जोर जबरदस्ती की भी कर सकता है इसलिए अपने कार्य से प्यार करें और उसे बेहतर तरीके से करने का प्रयास करें ।
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दोस्तों अब इस लेख “The Power of Faith Book Summary in Hindi “की समरी आप पढ़ें ताकि आप जरूरी पॉइंट्स अपने दिमाग में याद रख पाएं ।
1.जिस चीज को आप अपने जीवन में लाना चाहते हैं उसके लिए नकारात्मक विचार अपने दिमाग में लाना बंद कर दें क्योंकि जब इंसान के दिमाग में नकारात्मक विचार उत्पन्न हो जाता है तो वह कार्य ही नहीं कर पाता।
2.आस्था एक ऐसी शक्ति है जिसके जरिए आप बड़ी से बड़ी दिक्कतों का सामना आसानी से कर सकते हैं
यकीन खुद पर हो तो जहान भी आपके सामने झुक जाएगा लेकिन वही यकीन दूसरों की बातों पर हो तो इंसान चाह कर भी कुछ नहीं कर पाएगा ।
3.भावनाओं का बीज अगर सकारात्मक होगा तो लक्ष्य पाना उतना ही आसान बन जाएगा
आपने अभी जाना की भावनाओं के कारण ही हम कोई कार्य कर पाते हैं या नहीं कर पाते ।
सकारात्मक भावनाएं आपको ऊंचाइयों की ओर लेकर जाती है और दूसरी ओर वह नकारात्मक भावनाएं आपको कभी भी ऊंचाई की ओर बढ़ने नहीं देती तो अपनी भावनाओं पर कंट्रोल करें और उसे सही दिशा पर लेकर जाएं ।
4.जो भी चीज आज आप देख रहे हैं वह पहले ही किसी के दिमाग में आ गई थी इसलिए वह चीज आप देख पा रहे हैं इसका मतलब यह है कि जरूरी नहीं हैजो दुनिया सोचे आपके लिए ,वही सही हो ।
Apple Company दुनिया के सामने बाद में आई लेकिन स्टीव जॉब्स ने अपने मन में पहले से यह कंपनी बना ली थी।
आप भी कल्पना का सहारा कर लेकर वह चीज हासिल कर सकते हैं जो दुनिया के सामने आई भी नहीं है ।
इसका मतलब स्पष्ट है दोस्तों अगर आप कामयाब इंसान बनना चाहते हैं तो कल्पना का सहारा लें ,फिर देखें !कैसे बड़े-बड़े चमत्कार होने लगते हैं ।
जब भी आपके सामने विपरीत परिस्थिति उत्पन्न होगी आपके अंदर के विचार कभी भी डगमगाएंगे नहीं क्योंकि आपका विश्वास आपके ऊपर है और इस विश्वास के बदौलत ही इंसान आगे बढ़ सकता है ।
ऐसा कोई शख्स नहीं है जिसने अस्वीकारता या हार का चेहरा ना देखा हो ,इसलिए घबराकर नहीं डटकर सामना करना सीखे🙏😊
सोचता तो हर इंसान है कि जीवन में उसे अद्भुत बनना है सिर्फ सोचने से कुछ नहीं होता दोस्तों ! सच में कुछ करना है तो अपने विचारों में कंट्रोल करो।
लेखक का कहना है कि अगर आप अपने आस्था को सही जगह लगाना चाहते हैं तो आपको अपने विचारों को एक जगह लिखना शुरू करना होगा।
ऐसा करके आप अपने सही आस्था का बीज बो सकते हैं और हफ्ते में एक बार उस विचारों को जरूर पढ़ें क्योंकि यह विचार ही हकीकत बनते हैं ।
आपको लिखते समय अपने आस्था पर शक नहीं करना है क्योंकि जब आप शक करते हैं तो लिखे हुए शब्दों पर आपका यकीन कम हो जाता है इसलिए शब्दों को लिखते समय उन पर यकीन करें तब आप देखेंगे की चमत्कार कैसे आपके जीवन में होने लग गया है ।
short term or long term goal आपको इस Faith Fair Book में लिखना है और याद रखें परिस्थितियों चाहे जैसे भी क्यों ना आपके सामने आए आपको अपने विश्वास पर शक नहीं करना है तब ही आप सफलता पा पाएंगे ।
उम्मीद है यह लेख “The Power of Faith Book Summary in Hindi ” की जानकारी पसंद आई होगी कृपया इसलिए को उन लोगों के साथ शेयर करना बिल्कुल ना भूल जो जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं और अपना नाम बनाना चाहते हैं।
One thought on “Faith Ka Raaz Khul Gaya : The Power of Faith Book Summary in Hindi”
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