ड्राइवर का बेटा बना IAS, जाने AZHARUDDIN QUAZI KI SUCCESS STORY
Contents
- 1 ड्राइवर का बेटा बना IAS, जाने AZHARUDDIN QUAZI KI SUCCESS STORY
- 2 The audio autoplay attribute
- 2.1 अज़हरूद्दीन काजी का जन्म (ड्राईवर का बेटा बना IAS, जानेAZHARUDDIN QUAZI KI SUCCESS STORY )
- 2.2 अज़हरूद्दीन काजी का बचपन
- 2.3 Author
सफलताओं की लाखों कहानियां आपने सुनी होगी लेकिन जो आज की कहानी है वह आपकी नजरिया ही बदल देगी। इस लेेख में डाईवर का बेटा बना IAS,जाने AZHARUDDIN QUAZI KI SUCCESS STORY
आज की कहानी एक ऐसे शख्स के ऊपर है जिसने गरीबी का सामना भी किया और हिम्मत भी नहीं हारी।
मां से ही ट्यूशन पढ़कर एग्जाम की तैयारी करने वाला अज़हरूद्दीन कई बार fail भी हुआ लेकिन इरादे मजबूत होने के कारण गिरने के बाद भी इन्हें संभलना आता था । इसलिए जिस Post में वह आज है उसकी कई लोग कल्पना करते रह जाते हैं।
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अज़हरूद्दीन काजी का जन्म (ड्राईवर का बेटा बना IAS, जानेAZHARUDDIN QUAZI KI SUCCESS STORY )
अज़हरूद्दीन काजी इनका जन्म महाराष्ट्र के एक छोटे गांव यवतमाल में हुआ। लोग कहते हैं सपने उतने देखो जितनी तुम्हारी चादर है लेकिन चादर को कैसे लंबा करना है और अपने सपनों तक ऐसे पहुंचना है ? यह बात ना कोई समझाता है ना ही कोई बताता है ।
आज इस लेख के जरिए ( ड्राइवर का बेटा बना IAS, जाने AZHARUDDIN QUAZI KI SUCCESS STORY )आप जानेंगे कि हौसले बुलंद हो तो इंसान को कोई नहीं रोक सकता ।
अज़हरूद्दीन काजी आज अफसर बन गए हैं लेकिन इनकी UPSC Journey मुश्किलों से भरी थी ।
अज़हरूद्दीन काजी का बचपन
इनका जन्म गरीब परिवार में हुआ । पिताजी टैक्सी ड्राइवर थे और माताजी हाउसमेकर । घर में अज़हरूद्दीन काजी के अलावा तीन बच्चे और थे ।
अज़हरूद्दीन काजी घर के बड़े बेटे है ।बड़े होने के नाते इन पर परिवार की जिम्मेदारी भी थी ।
मां बाप के पास इतना पैसा नहीं था कि वे प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चों का दाखिला करा सकें इसलिए अज़हरूद्दीन काजी सरकारी स्कूल से ही पढ़ाई की ।
दसवीं तक तो मां ने घर में पढ़ाया वे कभी भी ट्यूशन नहीं गए । 11वीं में उन्होंने कॉमर्स लिया और अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट किया ।
साथ में वे प्राइवेट जॉब भी करते थे क्योंकि घर का बड़ा बेटा होने के नाते घर की जिम्मेदारी लेने थी ।
उनकी जॉब करने के बावजूद भी घर के हालात सही नहीं हो रहे थे ।भाइयों की पढ़ाई भी संकट में थी ।
अज़हरूद्दीन काजी का संघर्ष
जब उन्हें पता चला कि दिल्ली में ऐसी coaching है जो Upsc Aspirants को मुफ्त में पढ़ाती है तो उन्होंने दिल्ली जाने का मन बना लिया ।2010 में उन्होंने दिल्ली जाने का मन बनाया क्योंकि वे यूपीएससी की तैयारी करना चाहते थे ।
सबसे बड़ी समस्या थी कि दिल्ली जाने तक के उनके पास पैसे नहीं थे ।फिर जैसे तैसे जनरल टिकट खरीदी और दिल्ली खड़े होकर जाना पड़ा उन्हें बैठने तक की जगह नहीं मिली ।
2010 में First attempt उसमें fail हो गए,2011 में second attempt फिर fail हो गए ।
दो अटेम्प्ट Fail होने के बाद कई बार मन में सवाल आता था कि वह गलत रास्ते तो नहीं चल रहे हैं पर जब घर के हालात भी ठीक नहीं थे तो उन्होंने सोचा कि मैं कोई Bank में नौकरी ही कर लेता हूं ।7 साल तक उन्होंने bank में नौकरी की ।
फिर घर की हालात ठीक होने लगे और भाइयों की पढ़ाई फिर से शुरू हो गई ।
अज़हरूद्दीन काजी ने UPSC करने का क्यों सोचा ?
अज़हरूद्दीन काजी की किसी कार्यक्रम में IPS अधिकारी से मुलाकात हुई थी । उनसे अज़हरूद्दीन बहुत प्रभावित हुए इसलिए UPSC करने का ठान लिया ।
UPSC तैयारी करने के लिए दिल्ली जाना चाहते थे लेकिन टिकट ना होने के कारण जैसे तैसे खड़े होकर दिल्ली पहुंचे । एक कोचिंग में UPSC aspirants को मुफ्त में पढ़ाया जाता था ।वहां उनका सिलेक्शन हो गया ।
2010 और 2011 में इन्होंने दो अटेम्पट्स दिए जिसमें वह असफल हो गए ।एक तरफ तो उन्हें असफलता का चेहरा देखना को मिल रहा था और दूसरी ओर घर के हालात इतने खराब थे कि उन्होंने सोचा कि घर जाना ही बेहतर रहेगा ।
घर की आर्थिक स्थिति और भाइयों की पढ़ाई रुकने के कारण उन्होंने बैंक में नौकरी करने की योजना बनाई । सरकारी बैंक में PO के पद के लिए चुने गए ।
वहां उन्होंने 7 साल काम किया । उन्हें वहां पर प्रमोशन पे प्रमोशन मिल रहा था ।
सीरियल सेवा का सपना उनके अंदर अभी भी जिंदा था ।उन्होंने सोचा कि नौकरी के साथ UPSC की तैयारी में कर लूंगा ।
लेकिन यह संभव नहीं था फिर उन्होंने मन बनाया की जमी जमाई सरकारी नौकरी वह छोड़ दूंगा ।
वह उस समय ब्रांच मैनेजर के पद पर थे यह सुनकर लोगों ने कहा कि यह तुम्हारी बेवकूफी होगी ।लोगों ने तो यहां तक कह दिया तुम्हें आगे जाकर पछताना पड़ेगा ।
जो लोग अपने होते हैं वे चिंता करते हैं । जब उन्होंने नौकरी छोड़ने की बात कही तो उनको चाहने वाले कहने लगे कि अगर तुम नौकरी छोड़ दोगे तो हो सकता है कि जिस रास्ते में तुम जाना चाहते हो वह तुम सफल न हो तब क्या करोगे ?
अज़हरूद्दीन काजी को सिर्फ जवेद आख्तर की बात याद आती थी
क्यों डरें की जींदगी में क्या होगा …
कुछ न होगा तो तजुर्बा होगा ..
यह बात वे अपने रिश्तेदारो और दोस्तो को कहते थे ।
इस बार उन्हें 7 साल हो गए थे पढ़ाई से नाता तोड़े हुए ।
1 साल कड़ी मेहनत की फिर तीसरी अटेम्पट दिया पर select नहीं हुए । वह सिर्फ 21 अंक से पीछे रह गए ।
हार ना मानते हुए उन्होंने फिर से प्रयास किया और 2019 में सफल हो गए ।
2020 बैच के IAS बने ।इस पद से जब वह अपने गांव लौटे तो लोगों ने उन्हें बधाई दी और जो लोग ताना देते थे उनके मुंह बंद हो गए ।
जब वे अपने गांव पहुंचे तो उनके मन में था कि जो भी लोग आगे बढ़ना चाहते हैं पर पिछड़े इलाकों के कारण नहीं बढ़ पा रहे उन्हें मेरे जरिए एक नई सोच मिले और वे भी अपनी जीवन में कुछ कर देखाए ।
उनकी मां ने उनका कक्षा 12 तक साथ दिया ।कम पढ़ी-लिखी होने के बावजूद उनकी माता जी का सपना था कि वे अपने बच्चों के जरिए अपने सपने साकार करें ।इसलिए पूरी कोशिश की कि उनके बच्चे आगे बढ़े और उनकी मेहनत रंग लाई ।
दोस्तों कामयाबी उनको नहीं मिलती है जो सिर्फ सपना देखना जानते हैं कामयाबी तो उनको मिलती है जो हालातों से डरे ना और अपनी मंजिल तक पहुंचने तक रुके ना ।
अज़हरूद्दीन इंटरव्यू के दौरान कहते हैं कि कई बार जीवन में ऐसा लगा था कि मैं कोई गलत रास्ते में तो नहीं चल रहा लेकिन मैंने अपने आप पर भरोसा रखा और धैर्य से काम लिया ।
अज़हरूद्दीन की सलाह (ड्राइवर का बेटा बना IAS, जाने AZHARUDDIN QUAZI KI SUCCESS STORY )
जो लोग आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण अपने आप को आगे बढ़ने से रोक रहे हैं वहां मेरा example ले और कभी भी अपने सपनों को खत्म ना करें ।
हमारे लिए गए निर्णय ही हमारा भविष्य बनता हैं इसलिए बुरे से बुरे हालात क्यों ना हो अपने कदम पीछे ना लें यदि लेना भी पड़ जाए तो फिर से कदम उठाएं और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ाएं ।
कड़ी मेहनत और धैर्य के साथ आप आगे बढ़ सकते हैं । अज़हरूद्दीन बताते हैं कि जब वह बैंक में नौकरी कर रहे थे और उनके दोस्त UPSC में select हो जाते थे तब मन में सवाल आता था कि मैं प्रयास भी नहीं कर पा रहा हूं ।
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FAQ about AZHARUDDIN QUAZ(ड्राइवर का बेटा बना IAS, जाने AZHARUDDIN QUAZI KI SUCCESS STORY )
Q- अज़हरूद्दीन काजी के परिवार में कितने लोग हैं ?
Ans. – अज़हरूद्दीन काजी के परिवार में छः लोग हैं ।
Q -अज़हरूद्दीन काजी के परिवार में कितने लोग कमाई करते थे ?
Ans. – अज़हरूद्दीन काजी के पापा टैक्सी ड्राइवर थे और वे अकेले ही घर का खर्चा चलाते थे ।
Q- अज़हरूद्दीन काजी को कौन पढ़ाता था ?
Ans. – अज़हरूद्दीन काजी को उनकी माता जी पढ़ाती थी ।
दरअसल उनके पास इतने पैसे भी नहीं होते थे कि वह अपने बच्चों को बाहर ट्यूशन भेज सकें ।
Q- upsc clear करने के लिए दिल्ली में जाकर पढ़ाई करनी आवश्यक है ?
Ans. – अज़हरूद्दीन काजी का कहना है की जिस बैकग्राउंड से वह आए हैं वहां UPSC का कोई U भी नहीं जानता था लेकिन उनकी कड़ी मेहनत से उन्होंने नामुनकीन काम भी मुमकिन कर दिया ।
आज के समय में कई ऐसे माध्यम है जिसके जरिए आप पढ़ाई कर सकते हैं । उन्होंने self study से ही कामयाबी हासिल की है आपको बाहर जाकर पढ़ाने की आवश्यक नही हैं ।
Q- कुछ Candidates के क्या myths होते है?
Ans. – कुछ Candidates का कहना है कि वे अच्छे पढ़ाई लिखाई में नहीं है इसलिए UPSC की परीक्षा में सफल नहीं हो पाएंगे ।
Q- कुछ Candidates के क्या myths होते है?
Ans. – कुछ Candidates का कहना है कि वे अच्छे पढ़ाई लिखाई में नहीं है इसलिए UPSC की परीक्षा में सफल नहीं हो पाएंगे ।
अज़हरूद्दीन काजी एक Average student थे फिर भी वे सफल हुए ।इसलिए myths को अपने आप से दूर भगाएं ।
Q – अज़हरूद्दीन काजी ने शुरुआती शिक्षा कहां से प्राप्त ले ?
Ans. – अज़हरूद्दीन काजी की शुरुआती शिक्षा सरकारी यवतमाल में हिंदी मीडियम स्कूल से हुई।
Q- अज़हरूद्दीन काजी को उनकी मां ने कहां तक पढ़ाया ?
Ans. – अज़हरूद्दीन काजी कक्षा दसवीं तक घर में अपनी मां से tuition लेते थे ।
उनकी माता जी की 16 वर्ष की आयु में ही शादी करवा दी गई थी । वह आगे पढ़ना चाहती थी लेकिन कुछ मजबूरियों के कारण वह आगे नहीं पढ़ पाई ।वह चाहती थी कि उनका सपना उनके बच्चे साकार करें ।
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