आज आप इस लेख में “2023 Real life motivatinal story Jo aapki life change kar degi ” पढ़ने वाले है ।
Contents
- 1 आज आप इस लेख में “2023 Real life motivatinal story Jo aapki life change kar degi ” पढ़ने वाले है ।
- 1.1 Arunima Sinha की संघर्ष की कहानी (2023 Real life motivatinal story Jo aapki life change kar degi )
- 1.2 TS Madaan संघर्ष की कहानी (2023 Real life motivatinal story Jo aapki life change kar degi )
- 1.3 चुनौतियो का सामना कैसे करे ? (2023 Real life motivatinal story Jo aapki life change kar degi )
- 1.4 Author
आज जिसकी कहानी आप सुनने वाले हो वह और कोई नहीं और अरुणिमा है यह 2011 में एक साधारण डब्बे से लखनऊ से दिल्ली जा रही थी ।
उस दौरान चार पांच लुटेरों ने इनकी सोने की चेन चुराने की हिम्मत की ,यहां एक वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं ।
कहते हैं खिलाड़ी लोग हिम्मत नहीं हारते वहां समस्या का सामना करते हैं ।यही बात हुई अरुणिमा के साथ उन लोगों ने अरुणिमा की चैन खींचने की कोशिश की
खिलाड़ी के जज्बे के साथ अरुणिमा ने बगावत की पर वह भी चार-पांच थे । अरुणिमा उन से लड़ नहीं पाई ,उन लोगों ने चलती ट्रेन से अरुणिमा को धक्का मार दिया ।
दुर्भाग्यपूर्ण अरुणिमा दूसरे ट्रेन से टकरा गई जो उसी पटरी में आ रही थी ।उस वक्त रात भर अरुणिमा मदद की गुहार मांगती रही लेकिन किसी ने अरुणिमा की मदद नहीं की ।
अरुणिमा ने अपनी जंघा को उठाई तो उसने देखा कि पैर उसके जींस में लटक गया है और जांघ से खून बहुत बह रहा है
दूसरे पैर की हड्डियां टूट कर बाहर आ गई थी मदद की गुहार अरुणिमा ने लगाई लेकिन कोई व्यक्ति अरुणिमा की मदद करने के लिए आगे नही आया
पटरियों में अरुणिमा को रात भर रहना पड़ा उस समय कुछ बिन बुलाए मेहमानों को अरुणिमा को देखकर दावत मिल गई ,वे थे चूहे ! अरुणिमा के घाव को चूहे उतरने लगे ।
रात भर इंतजार करने के बाद जब गांव के लोग यूपी के बरेली मुझे भेजा तो वह के फार्मेसिस्ट और डॉक्टर आपस में बात करने लगे की Anesthesia or blood तो है ही नहीं ।
Arunima Sinha की संघर्ष की कहानी (2023 Real life motivatinal story Jo aapki life change kar degi )
उस अरुणिमा का उस समय दिमाग काम कर रहा था लेकिन शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही थी ।
जब अस्पताल में पहुंचे तो न जाने कहां से अरुणिमा में हिम्मत आई और उसने कहा कि डॉक्टर साहब मैं रात भर से इस तकलीफ को बर्दाश्त कर रही हूं । अब आप चाहें तो वह मेरा पैर ऐसे ही बिना एनेस्थीसिया के काट दे मैं यहां दर्द बर्दाश्त कर लूंगी ।
फार्मासिस्ट और डॉक्टर ने मिलकर एक एक यूनिट खून मुझे दिया और बिना Anesthesia के मेरा पैर काट दिया ।
नेशनल प्लेयर होने के कारण इन्हें एम्स भेजा गया और जब 25 दिन बाद अरुणिमा थोड़ा ठीक हुई तब अरुणिमा ने न्यूज़पेपर में पढ़ा ऐसी बातें लिखी थी जो अरुणिमा को बिल्कुल पसंद नहीं आई ।
कोई भी इंसान क्यों ना हो अपने बारे गलत बात सुनकर परेशान जरूर होगा ।
लिखा था कि अरुणिमा के पास टिकट ना होने के कारण वह ट्रेन से कूद गई , अरुणिमा ने आत्महत्या करने का प्रयास किया ।
लड़की जो मध्यवर्गीय परिवार से थी उसके बारे में ऐसी खबर सुनकर हर कोई मजाक बना रहा था लेकिन अरुणिमा ने फैसला कर लिया कि आज तुम्हारा दिन है तुम बोलो जो बोलना है लेकिन एक दिन आएगा जब मैं बोलूंगी और मेरा नाम होगा ।
जो लड़की अस्पताल में है जिसे यहां नहीं पता कि वहां बैसाथियों या व्हीलचेयर की सहायता से चलेगी ।
यह तक कि उसकी रीढ़ की हड्डी में 3 फ्रैक्चर आए थे । उसका दिल और दिमाग काम नहीं कर रहा लेकिन जज्बा है कुछ कर दिखाने का ।
अरुणिमा ने अस्पताल में फैसला किया कि अब वह वॉलीबॉल चैंपियन के रूप में नहीं बल्कि सबसे कठिन खेल जो कि पर्वतारोहण है को चुनेंगी
जब अरुणिमा ने अपने विचार लोगों के साथ साझा किए तो सारी दुनिया हंसने लगी और कहने लगी कि अरुणिमा पागल हो गई है ।
लेकिन जो मैंने सोच लिया था अब मैं पीछे कदम नहीं लेना चाहती थी मुझे एक उचित मार्गदर्शन में प्रशिक्षण चाहिए था और दूसरा स्पॉन्सरशिप ।
2023 Real life motivatinal story Jo aapki life change kar degi
लोग कहते है विकलांग होने से तुम क्या कर पाओगी मैं कहती हूं कि विकलांग होने से कुछ नहीं होता । फर्क पड़ता है कि तुम्हारे संकल्प कितने बड़े हैं और तुम अपने इरादों में कितने पक्के हो ।
अरुणिमा का कहना है कि कोई भी इंसान आपको चाहे कितना भी मोटिवेट कर दें आप तब तक मोटिवेट नहीं हो सकते जब तक आप खुद से अपने आप को मोटिवेट नहीं करते ।
जब इंसान के अंतर्मन से आवाज आने लग जाती है कि मैं यहां कार्य कर सकती हूं तो वह अपने कार्य में लग जाता है बिना लोगों की परवाह किए और यह बातें मैं किसी किताबों से नहीं बता रही हूं यह मैने खुद महसूस किया है ।
अरुणिमा का कहना है कि उस समय मेरे परिवार और बछेंद्री मैडम ने मेरे ऊपर विश्वास जताया और कहा कि हां तुम कर सकती हो ।
मैडम ने 1984 में माउंट एवरेस्ट फतह किया था ।मुझे हस्पताल से छुट्टी मिली तो अधिकतर लोग सोचते हैं कि लाइफ में क्या करना है ?
घर जाने के बजाय बछेंद्री मैडम के पास जाना सही समझा ।
बछेंद्री पाल मैडम ने जब अरुणिमा को देखा तो वह रोने लगी और कहा कि इस हालात में भी तुम एवरेस्ट जैसी चुनौती अपनाने के लिए तैयार हो आधे से ज्यादा जंग तूने आज ही जीत ली है ।
कहने और करने में अंतर होता है जब हम पहाड़ पर पहुंचे तो लोगों को सिर्फ 2 मिनट लगता था सड़क के किनारे से बेस कैंप तक पहुंचने के लिए लेकिन मुझे 3 घंटे लगते थे क्योंकी एक पैर कृत्रिम अंग था और दूसरे के पैर की हड्डियां अभी तक ठीक नहीं हुई थी ।
अभियान में सभी लोग सामान्य थे जब मुझे वह कहते थे कि तुम धीरे धीरे आना मैं सोचती थी कि मैं अभी इनके साथ चल भी नहीं पा रही हूं एवरेज तक कैसे पहुंच पाऊंगी
लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और आगे बढ़ती रही । सब लोग मुझे कहते थे कि तुम धीरे-धीरे आ जाना मै मन में कहती थी कि 1 दिन ऐसा आएगा कि मैं इन सबसे आगे पहुंच जाऊंगी ।
8 महीने की यात्रा के बाद मैं उन सब से आगे पहुंच जाती थी और जब मैं मुड़कर देखती थी तो सब मेरे से पीछे रहते थे इस बात से मैं बेहद खुश होती थी । वह लोग मुझसे आकर पूछने लगे कि मैडम आप खाते क्या हो ?
अरुणिमा कहती है कि सबसे बड़ी चुनौती थी कि मैं दूसरे को समझा पाओ कि मैं यहां कार्य कर सकती हूं ।जब एवरेस्ट के लिए शेरपा से मिली और शेरपा को पता लगा कि अरुणिमा का एक पैर नकली है तो उन्होंने मुझे अपनी टीम में रखने से इंकार कर दिया ।
कैसे करके हमने शेरपा को अपनी बात समझाई ।
नकली पैर के साथ एवरेस्ट पर चढ़ना बेहद मुश्किल था लेकिन कई बार ऐसा समय आया जब शिल्पा ने कहा कि तुम अपने पैर के साथ जबरदस्ती कर रही हो यह कार्य तुम नहीं कर सकता हो।
मैंने कहा कि यहां पैर मेरा है मुझे मालूम है कि कैसे चलेगा !
अरुणिमा ने कई लोग आसपास मरते हुए देखें और मन में विचार आता था कि मैंने कहीं निर्णय गलत तो नहीं ले लिया लेकिन दिल और दिमाग कहता था कि तुम कर पाओगी इसलिए कदम पीछे रखने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता ।
अरुणिमा रस्सी के जरिए चढ़ाई जा रही थी तब उसने एक बांग्लादेशी को देखा जिसका ऑक्सीजन खत्म हो गया था वहां अंतिम सांसे ले रहा था । मैं उसे बचाने में असमर्थ थी लेकिन मैंने कहा कि यदि मैं चढ़ाई चढ़ने में सफल रही तो आप सबकी भी जीत होगी ।
कहते हैं जैसे हम अपने दिमाग को इंस्ट्रक्शन देते हैं वैसा ही वह कार्य करने लग जाता है मैं अपने आप को सकारात्मक विचार से भर रही थी ।
हिलेरी स्टेप पर जब हम पहुंचे तब शेरपा ने मुझे बहुत बड़ा झटका दिया उसने मुझे कहा कि तुम्हारा ऑक्सीजन खत्म हो गया है , अरुणिमा
शेरपा ने मुझे सलाह दी कि तुम वापस चले जाओ यदि जीवन रहा तो फिर से कोशिश कर लेना ।
आप सब कल्पना कीजिए कि लक्ष्य के नजदीक होने के बाद अगर कोई आपको कहे कि वापस मोड़ जाओ तो कैसे लगेगा ? मैंने कहा कि मैं वापस नहीं जाने वाली
हिलेरी स्टेप के तुरंत बाद एवरेस्ट था इसलिए मैं पीछे कदम लेने की तो सोच ही नहीं सकती थी
अरुणिमा कहती है कि ऐसे अवसर नसीब वालों को मिलते हैं मैं पीछे कदम नहीं लूंगी ।
अरुणिमा को एक और बात का भी डर था कि यदि मैं अभी पीछे कदम ले लूं तो फिर से पैसे कट्ठा करना स्पॉन्सरशिप लेना आसान काम नहीं रहेगा
मेरी मां और बछेंद्री मैडम ने एक बात मुझे सिखाई थी कि कभी-कभी परिस्थिति ऐसे ही होगी जहां सिर्फ तुम्हें निर्णय लेना होगा । उस समय अगर तुम डर गई तो जीवन भर कुछ नहीं कर पाओगे इसलिए संघर्ष करके अपना कदम आगे बढ़ाओ ।
जब मैं एवरेस्ट पर पहुंच गई तो मैंने शेरपा को अपनी एक तस्वीर लेने के लिए कहा शेरपा ने कहा कि तुम पागल हो गई हो क्या ?
तुम्हारा ऑक्सीजन किसी भी क्षण खत्म हो सकता है इसलिए जल्दी से नीचे उतरने की बात करो ।
8848 मीटर ऊंचाई पर हम खड़े थे जब फोटो क्लिक हो गए तब मैंने एक वीडियो बनाने की भी बात की शेरपा का गुस्सा आज भी मुझे याद है ।
वीडियो बनाने के लिए इसलिए कहा कि उसका ऑक्सीजन वैसे भी कम था वह जानती थी कि वह किसी भी second मर सकती है ।
यदि वह नीचे नहीं लौटी तो आज के युवाओं को वह वीडियो के जरिए प्रेरणा दे सके ।
11 अप्रैल, 2011अरुणिमा के साथ हादसा हुआ था और 21 मई, 2013 को इन्होंने अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया था ।
शेरपा अरुणिमा को कह रहा था कि अब जल्दी से नीचे चलते हैं ज्यादातर मौतें एवरेस्ट चढ़ने के बाद ही होती हैं बहुत से लोग जीवित नहीं लौट पाते ।
अंग्रेज पर्वतारोही एवरेस्ट से उतरा था उसके पास दो ऑक्सीजन थे उसने मुझे एक ऑक्सीजन दे दिया । कहते हैं कि जैसे इंसान के नियम होते हैं उसी तरह भगवान के नियम भी होते हैं ।
भगवान चाहता था कि मैं इतिहास रचो इसलिए उसने प्रबंध भी किया हुआ था ।
शिल्पा मुझे लकी कह रहा था लेकिन मैं इन सब बातों पर विश्वास नहीं करती हूं । मेरा कहना है कि यदि इरादे बुलंद हो तो कोई भी चीज आपको रोक नहीं सकती ।
TS Madaan संघर्ष की कहानी (2023 Real life motivatinal story Jo aapki life change kar degi )
आज मैं जिस शख्स के बारे में आपसे बात करने जा रही हूं वह और कोई नहीं TS Madaan है ।
सूरा सो पहचानिए, जो लड़े दीन के हेत, पुरजा-पुरजा कट मरै कबहू ना छाडे खेत
हर कोई अपनी जन्मतिथि जानता है लेकिन मृत्यु तिथि आप जानते हैं क्या ?
मन में एक सवाल आपके आ रहा होगा की ऐसा बेतुका सवाल मैंने पूछा ही क्यों ?
जैसे हम GPS का उपयोग करते हैं और उसमें लिखते हैं कि हमें कहां पहुंचना है तो वह हमें रास्ता दिखाने लग जाता है ।
उसी प्रकार से यदि हम अपनी मृत्यु तिथि भी तय कर ले तो किस रास्ते हमें कब तक पहुंचना है यह तय हो जाता है ।
हालांकि हम सब जानते हैं कि मृत्यु की तिथि कोई तय नहीं कर सकता लेकिन लक्ष्य को प्राप्त करना है तो समय तो तय करना होगा कि किस समय तक हमें कौन सा कार्य खत्म करना है ।
टी एस मदान ने अपनी मृत्यु तिथि तय कि जो कि उनके मुताबिक 2062 में 104 वर्ष का होने की है ।
टी एस मदान का कहना है जब आपके लक्ष्य को सुनकर लोग कहने लगे कि तुम पागल हो गया !
तो समझ लो कि तुम सही रास्ते चल रहे हो क्योंकि पागल ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं ।
पागल में ही ऐसा जुनून होता है कि वह हद से बढ़ कर मेहनत कर सकता है ।
टी एस मदान अपनी कहानी में कहते हैं कि एक समय मेरे सामने ऐसा आया जब मेरे ससुर जी ने मुझे कहा कि यह दो ₹5000 और राशन ले आओ ।
वह समय सही में मेरे आंखों में आंसू आ गया और मैंने अपने आप से वादा कर लिया कि मैं भीख नहीं लूंगा ।
मेरी पत्नी का नाम पिंकी है उसने मुझसे कहा कि पैसे नहीं लोगे तो क्या करोगे ?
मैंने कहा कड़ी मेहनत करूंगा लेकिन किसी के सामने हाथ नहीं फैलूंगा ।
2000 वर्ष में टी एस मदान को यह संकट आया था कि उनके घर खाने के लिए खाना तक नहीं था फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी ।
पंजाबियों में एक लाइन है जो वह हमेशा याद रखते हैं यह लाइन है –जिसके सिर ऊपर तू स्वामी सो दुख कैसा पावे
फिर क्या ! टी एस मदान ने हिम्मत नहीं हारी और एक मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में कार्य करने लगे ।
आज उनके छह मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइब यूट्यूब में है जो कि उन्हें शाहरुख खान , नरेंद्र मोदी और कपिल शर्मा से भी उनके भगवान ने आगे रखा ।इस प्लेटफार्म में टी एस मदान ने खूब नाम कमाया ।
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Motivational speaker बनने से पहले टी एस मदान ने अमृतसर में एक छोटा सा काम शुरू किया । यह काम के लिए उनके बच्चों ने अपनी पॉकेट मनी से बचत की हुई पैसे टी एस मदान को दिए थे ।
उस पैसों से इन्होंने एक फ्रिजर और दूध गिलास खरीदा ।अमृतसर में ठंडा दूध जिसमें काजू बादाम किशमिश मिक्स करके लोगों को देने लगे ।
यह व्यवसाय टी एस मदान का अच्छा चलने लगा । लोग इनकी प्रशंसा करते हुए नहीं थकते थे कहते थे कि आपने हम सबको शिक्षा दी है कार्य करो कभी भी बुरी स्थिति में भी अपने ऊपर विश्वास मत खो ।
अपने व्यवसाय का नाम इन्होंने चांदनी चौक दूध रखा ।युवा जो छोटी सी दिक्कत आने में अपनी जिंदगी खत्म करने के बारे में सोचते हैं ।
उनके लिए टी एस मदान का संदेश है कि जीवन में समस्याओं से हार मत मानो क्योंकि जीवित व्यक्ति के सामने ही समस्या आती है , मृत्य व्यक्ति के सामने तो हर कोई साथ छोड़ देता है इसलिए सामना करो और फतेह हासिल करो ।
समस्या किस के सामने नहीं आती ,मैंने अभी आपको बताया है कि मैंने अपनी मृत्यु तिथि तय की है ।
मृत्यु तिथि तय करने का मेरा मकसद है कि जैसे हम कोई कोर्स करते हैं तो उसमें fix रहता है कि इतने समय तक आप यह कोर्स की डिग्री हासिल कर सकते हो ।
या इसके होने से आप प्रमोशन पा सकते हो ऐसे ही जिंदगी है यदि कुछ प्राप्त करना चाहते हो तो समय तय करो कि इस डेट तक मुझे यहां हासिल हो जाना चाहिए ऐसे ही आप अपनी मंजिल प्राप्त कर पाओगे ।
1980 मोटिवेशनल स्पीकर बनने का फैसला किया ।उस समय लोगों को यही नहीं मालूम था कि इसका मतलब क्या होता है ।
फिर मैंने सोचा कि पर्सनैलिटी डेवलपमेंट ट्रेनर कहा जाए ,जब मैं स्कूल या कॉलेज में जाता था तो वहां के प्रिंसिपल मेरा कार्ड वापस कर देते थे और कहते थे कि बच्चों के पास इतना समय नहीं है जो ऐसे लेक्चर अटेंड कर पाएं ।
उस समय प्रिंसिपल को समझाना थोड़ा मुश्किल था कि यहां एक महत्वपूर्ण विषय है जिसे बच्चों को फायदा हो सकता है ।
मैंने यह दृढ़ निश्चय कर लिया कि मैं यहां कार्य नहीं छोडूंगा , भले मुझे पैसा मिले या ना मिले पर जीवन जीने के लिए पैसे की आवश्यकता होती है इसलिए मैंने बीमा इंश्योरेंस पॉलिसी का कार्य पकड़ लिया ।
मेरा पहला क्लाइंट एक सेना अधिकारी था ।उन्होंने बात करने के लिए समय दिया था 9:00 बजे लेकिन मैं लेट पहुंचा । उन्होंने मुझे कहा कि तुम लेट आए हो इसलिए कल इसी समय मुझसे आकर मिलना ।
मैंने कहा कि सर आधा घंटा ही लेट हुआ है आप बीमा पॉलिसी ले लीजिए लेकिन उन्होंने मना कर दिया और कहा कि कल आना ।
मैंने कल 3 अलार्म लगाए , सोचा कि एक नहीं तो दूसरा बचेगा और मैं समय से पहुंच जाऊंगा ।
कल जब मैं उठा तो देखा तेज वर्षा हो रही है । मैंने मन ही मन सोचा कि कार्य करना तो बहुत ही मुश्किल होगा लेकिन फिर भी मैंने हार नहीं मानी और समय पर पहुंच गया ।
सेना अधिकारी ने देखा की वर्षा कितनी हो रही है फिर भी मैं समय में पहुंच गया ।उसने मुझसे सवाल किया कि तुम भीगे नहीं ? मैंने कहा कि सर मैं पूरी तरह से भीग गया था लेकिन मैंने कपड़े बदल दिए हैं और आज मैं समय से आया हूं ।
उन्होने बीमा पॉलिसी ले ली फिर मैंने कहा सर आप कल भी तो बीमा पॉलिसी ले सकते थे । आपने ऐसा क्यों नहीं किया ?
वहां सेना अधिकारी ने मुझे एक शिक्षा दी उसने कहा कि जब तुम बीमा पॉलिसी बेचते हो तो उसकी तुम्हें कमीशन मिलती है लेकिन मेरी मृत्यु के बाद जब तुम इसके पैसे देने आओगे तो उस समय तुम्हें कोई कमीशन नहीं मिलेगी ।
जब तुम कमीशन लेते समय लेट आ सकते हो तो जब कमीशन नहीं मिलेगी तब तो तुम समय पर आओगे ही नहीं ।
मैं तुम्हें समय की कीमत सिखाना चाहता था की समय में किसी को कुछ मिल जाए तो कितना अच्छा लगता है ।
टी एस मदान कहते हैं कि तब से आज तक में कभी भी late नहीं हुआ ।
चुनौतियो का सामना कैसे करे ? (2023 Real life motivatinal story Jo aapki life change kar degi )
जब मैनेजर ने टी एस मदान से पूछा कि 1 महीने में तुम कितनी पॉलिसी भेज सकते हो ?
तब मदान ने कहा कि सर आप मुझे बताइए कि मैं कितना भेजूं । वह कहते हैं कि मैं 500 कहूंगा तो तुम 500 बेच दोगे ? टी एस मदान मुस्कुराते हुए कहता है जी सर ।
टी एस मदान कहते हैं कि जब तक 5 लोग आपको पागल नहीं कहते हैं तब तक समझिए कि आपका लक्ष्य छोटा है ।
मैंने पहले कौन अपनी पत्नी को किया और कहा कि मैंने 1 महीने में 500 पॉलिसी बेचने का वादा कर दिया है उसने मुझे कहा कि तुम पागल हो क्या !
मैं मुस्कुराया और ऐसे ही धीरे-धीरे मैंने अपने करीबियों को फोन किया और कहा कि मैंने यह वादा कर दिया है उन सब ने मुझे कहा कि तुम पागल हो गए हो मैं फिर मुस्कुराया l
पर अपने आप से कहा कि मेरा लक्ष्य सही मैंने चुना है कहते हैं कि भी जब तक पागलपन और जुनून इस हद तक ना हो तो आप कामयाब नहीं हो सकते इसलिए पागलपन भी जरूरी है ।
कहते हैं जब मैंने मैनेजर को कहा कि मुझे रकम जमा करवानी है तो मैनेजर ने कहा कितनी पॉलिसी की तुमने रकम जमा करानी है तब मैंने कहा 762 पॉलिसी
मैनेजर अपनी seat के सामने खड़े हो गया और मुझे सलाम करने लगा । हर कोई कहने लगा कि टी एस मदान बहुत किस्मत वाला है । मैंने कहा कि रात के 2:30 बजे तक मैं कार्य करता हूं ऐसे तुम सब भी करने लग जाओ तो तुम्हारी किस्मत दी जरूर चमक जाएगी ।
टी एस मदान का कहना है कि आजकल हर कोई यूट्यूब की सहायता से अपना संदेश , अपना ज्ञान लोगों को दे रहा है मैंने भी अपना ज्ञान यूट्यूब में देने का विचार बनाया लेकिन आज के युवा तो मोबाइल बचपन से देखते आ रहे हैं इन्हे इस्तेमाल करना आता है लेकिन मैंने तो अब मोबाइल देखा तो इसे इस्तेमाल करना मेरे लिए मुश्किल था लेकिन मैंने हार नहीं मानी आज 6 million सब्सक्राइबर हो चुके हैं । मेरा सिर्फ एक संदेश है आज की युवा को अगर कामयाब होना चाहते हो तो मेरे 3 Rule मान लो
सफलता का मंत्र (2023 Real life motivatinal story Jo aapki life change kar degi )
- Rule – 1 .अपने कार्य में अपना सर्वश्रेष्ठ दे
- Rule -2 अपने कार्य में अपना सर्वश्रेष्ठ दे
- Rule – 3 अपने कार्य में अपना सर्वश्रेष्ठ दे ।
उम्मीद है आपको यह लेख 2023 Real life motivatinal story Jo aapki life change kar degi पंसद आई होगी । अपना प्यार Share , like aur comment के जरिए बताऐ । अपना कीमती समय देने के लिए शुक्रिया😊🙏🙏
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